केरल वासियों ने मिलकर मनाया केरला समाजम प्रांगण में “ओणम “!

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जमशेदपुर केरल के रहने वाले सभी वासियों ने मिलकर जमशेदपुर के केरला समाजम प्रांगण में मिलकर मनाया ओणम का त्यौहार.केरल के त्योहारों में “ओणम “का बहुत ही ज्यादा महत्व है. ओणम का त्योहार भगवान विष्णु के वामन अवतार पर आधारित है. ओणम का त्योहार भारत में रहने वाले केरल समुदाय के रोल लोग हैं वह सभी मनाते हैं. भारत के जितने भी राज्य हैं उन्हें रहने वाले खेल बाकी ठीक पूनम के त्यौहार पर अपने घर या केरल पहुंच जाते हैं. ओणम मलयालम कैलेंडर के अनुसार पहले महीना माना जाता है. यानी पूनम की शुरुआत हुई और केरल के पहले महीने से होती है. केरल की सरकार ने 1961 में ओणम को राष्ट्रीय पर्व का स्थान दिलाया. ओणम के पर्व में वहां के लोग नृत्य, रंगोली, केरल के लोक गीत को गेट और ढोल नगाड़े बजाते है नाचते है. केरल का पर्व राजा महाबली से प्रेरित है. महाबली के आगमन पर कल का महा पर्व ओणम मनाया जाता है. जमशेदपुर में प्रतिवर्ष केरला समाजम प्रांगण में केरल वासियों द्वारा जमशेदपुर के सभी नागरिकों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में भोजन कराया जाता है इस वर्ष भी 12 सौ लोगों को भोजन कराने का लक्ष्य है. इसमें समाज के सभी लोग समाज का हर वर्ग इसमें भोजन करने और प्रसाद ग्रहण करने आता है. कार्यक्रम में केरला समाजम ट्रस्ट के अध्यक्ष मुरलीधरन, केरला समाजम मॉडल स्कूल के अध्यक्ष के पी जी नायर, महासचिव सुनील कुमार, पूर्व अध्यक्ष शशि, अन्य सदस्य गणित सभी अपने परिवार के साथ उपस्थित थे|

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