बांस और फलदार पौधो के सीड बॉल्स गिराया गया। चांडिल रेंज के कुशपुतुल से इसकी शुरुआत की गई। डीएफओ सबा आलम अंसारी की मौजूदगी में इसकी शुरुआत हुई। सीड बाल मिट्टी से बने गेंद होते हैं, जिनमें पौधों के बीज डाला जाता है। इसमें पौधों के विकास के लिए खाद डाला जाता है। ड्रोन का इस्तेमाल कर पौधा रोपने का यह नया तरीका है। यह खासकर उन जगहों पर उपयोगी है जहां जमीन तक पहुंचना मुश्किल है। वन विभाग ने इस मौसम ड्रोन से 5 लाख से अधिक पौधा रोपण करने का लक्ष्य रखा गया है। डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बताया कि जंगल में विचरण करने वाले जानवरों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए पहाड़ी इलाकों में ड्रोन से पौधा रोपण किया जा रहा है। चांडिल वन क्षेत्र में जंगली हाथियों का आवागमन काफी होता है। इसलिए पहाड़ी इलाकों में ड्रोन के माध्यम से पौधा रोपण किया गया। ताकि हाथियों को जंगल में भोजन उपलब्ध कराए जा सके। झारखंड में पहली बार ड्रोन के माध्यम से कुशपुतल में पौधा रोपण किया गया।
