
सरायकेल : नीमडीह थाना क्षेत्र के तिल्ला टोला आमडाबेड़ा जंगल की तराई लावकी खेती पर बीते रात्रि में एक हाथी लावकी खाए ओर ट्रस्कर हाथी की तड़प तड़प मौत हो गया । घटना लौकी खेती (बाड़ी) में हाथी की झुंड में तीन हाथी द्वारा लावकी खाए ओर पौधे को पैर तले रोध कर नष्ट कर दिया ।
लावकी खाने के बाद गज पूरे खेती में तड़पते हुए मुंह के भर गिर पड़े वही उसका मौत हो गया ।
आज की मौत को लेकर एक वर्ष के अंदर ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में छह हाथी की मौत दर्दनाक हुआ था ।
लावकी खेती की चारो तरफ पैर का निशान देखा गया, लावकी खेती में मरने से पहले हाथी ने लीद किया । मलमूत्र द्वार में लीद ओर फैन निकला रहा हे, सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीण हाथी को देखने पहुंचे और महिलाए ओर पुरुष युवक वर्ग के सभी लोगों ने सिंदूर ओर पुष्प,आगरवती द्वारा पूजा अर्चना किया ।
घटना की सूचना मिलते ही चांडिल बन क्षेत्र के कर्मचारी ओर वनपाल बन रक्षित घटना स्थल पहुंचे ।
भयवित ग्रामीणों के अनुसार रात्रि में गांव में हाथी प्रवेश करने से पहले जानकारी लेकर गांव पहुंचते हे , गरीब किसान का फसल को हाथी द्वारा नष्ट कर देते साथ ही घर में रखे अनाज को अपना निवाला बनाता हे।जिसे आमनागरिक ओर ग्रामीण भयवित रहने लगा ।
कैसे हुआ मौत : हाथी का दर्दनाक मौत तड़प तड़प कर मुंह के भर में गिरा ओर मौत हो गया ,जो जांच में जुट वन विभाग के लोग ।
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में एक हाथी की मौत के मामले में, शुरुआती जांच से पता चलता है कि हाथी ने विषैली पदार्थ खाया था, जिससे उसकी तड़प-तड़प कर मौत हो गई। घटना नीमडीह थाना क्षेत्र के तिल्ला टोला आमडा बेडा जंगल के पास हुई, जहां हाथी ने एक खेत में लावकी (एक प्रकार की सब्जी) खाई थी। ग्रामीणों के अनुसार, हाथी ने खेत में काफी नुकसान किया और फिर उसकी मौत हो गई। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है।
ऐसे मामलों में हाथियों की मौत के कारणों का पता लगाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाना महत्वपूर्ण है। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को हाथियों के संरक्षण और उनके आवासों की सुरक्षा के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
हाथियों की मौत के मामले में करंट लगना या जहरीला पदार्थ खाना आम बात है।
दुमदुमी के निवासी अष्टमी महतो ने बताया यह हाथी द्वारा दो माह पूर्व मेरा घर तोड़ा था ,जिसे में बेघर हो गया ।गरीब आज कॉलेज परिसर में रहने पर मजबूर हो गया , चांडिल वन क्षेत्र विभाग द्वारा एक लाख रुपया मुआवजा राशि दिया गया। जो घर बनाया जा रहा ।होड़गोड़ा जंगल में एक साथ तीन का झुंड ,दूसरी झुंड में 15 की आसपास बताया जा रहा हे।
आमडाबेड़ा गांव के किसान के खेती के लावकी बाड़ी दो तीन की संख्या में हाथी खेती में लौकी खेती को नष्ट किया ओर एक का मौत हो गया ।यह हाथी की मौत से पहले तड़पाना साथ ही जीव बाहर निकला हुआ हे ।वन विभाग के लोग जांच में जुट गए। पोस्ट मॉडम के बाद पता चलेगा ।कैसे हाथी की मौत हुआ हे।