सरायकेला खरसावां जिला के चांडिल अनुमंडल स्थित दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के बिहोड़ो में दलमा की चोटी में विराजमान प्राचीन कालीन दलमा बूढ़ा बाबा नाम से प्रचलित है । जो दूरदराज से भक्तो पहुंचते है। श्रद्धालू का मांगें गए मन्नत पूरा होता है । जिसको देखते १८ फरबरी को महा शिवरात्रि की तैयारी चल रहा है। प्राकृतिक से हराभरा है दलमा सेंचुरी विभिन्न जीवजंतु पंछी और झरनों की कलकला हट स्रोत।
टाटा रांची मुख्य राज्य मार्ग एनएच ३३ हाइवे से ३० किलोमीटर दूरी दलमा बूढ़ा बाबा नाम से प्रचलित है । ओर श्रद्धालु का तांता लगा रहता है। पश्चिम बंगाल ,उड़ीसा ,बिहार, झारखंड राज्य के कोने कोने से भक्तो पहुंचते है। कोरोना महामारी काल के बाद इस बार शिवरात्रि में दल्मा बूढ़ा बाबा दरबार में सैकडो श्रद्धालु भक्तो का उमड़ेगा भीड़ देखने को। मिलेगा जनशेलाव दो किलोमीटर लंबाई तक श्रद्धालु का लंबी कतार का लाईन लगा रहता ।
श्रद्धालु का माने तो दलमा बाबा का अशिम कृप्या है की दलमा बूढ़ा बाबा की नाम लेकर चलने पर जंगल के बिहोड़ो में जंगली जीवजंतु बाघ भालू हाथी आदि वन्य जीवजंतु मनुष्य को देखते ही विमुख हो जाते है और रास्ते से हट जाते ,आजतक न भक्तों को क्षत्रि पूर्ति किया बाबा का महिमा माना जाता । हाथी की बहुल क्षेत्र होने के बाबजूद श्रद्धालु १७ फरबरी साम से जंगल में पैदल चढ़ने लगते हे।यह शिलशिला रातभर भक्तो फदलोगोड़ा, पदमदा,घुमांडीह , डाहुबेड़ा,मकुलाकोचा चेकनाका आदि जगह से लोगो दलमा बूढ़ा बाबा धाम पहुंचते हे। शिवरात्रि के दिन मकुलाकोचा चेकनाका से सेकडो की संख्या में बाईक व फॉर्बिलर गाड़ी से श्रद्धालु पहुंचते है। इस बर्ष बारिस होने के कारण श्रद्धालु को पानी की किल्लत से झेलना पड़ेगा क्युकी मंदिर के साधु संत के कहना है।पानी की किल्लत ज्यादा है कुआ के पानी नीचे चला गया दो बूंद पानी बाल्टी से उठाने के लिए कॉपी मास्कद करना पड़ता ।पानी की स्रोत कम हो गया। संतो का कहना है पानी के लिए सरकार डिप बोरिंग कराने से भक्तो को पीने के लिए तरसना नही पड़ेगा । साथ ही पानी की टैंकर की सुविधा उपलब्ध कराए जाएं संसद एंब विधायक तथा जिला परिषद से लगाए गुहार ।शिव रात्रि के पूर्व पानी की सुविधा मुहैया कराए जाएं ।जिसे भक्तो को दू बूंद पानी के लिए तरसना न पड़े ।दलमा वन विभाग को शिवरात्रि में लाखो रुपया रेविन्यू श्रद्धालु से मिलता है ।जो झारखंड सरकार को पर्यटक द्वारा लाखो रुपया मिलता है । यह मंदिर जुगसलाय विधान सभा क्षेत्र पड़ता है।साधु संतो का कहना की आजतक कोई संसद,विधायक ,जिला परिषद पहुंचते है और न ही शुद्धि लिया गया ।