जमशेदपुर
बागबेड़ा बृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना का कार्य चालू नहीं होने पर आक्रोशित ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों ने बागबेड़ा सिद्धू कानू मैदान में एक दिवसीय उपवास कर विभाग से जल्द से जल्द इस कार्य को शुरू करने की मांग की है अन्यथा उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. बता दें कि बागबेड़ा बृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना की नींव 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रखी थी. जहां 3 वर्ष योजना के तहत कार्य हुए और 3 वर्ष कार्य पूरे होने के बाद निर्माण का कार्य अधर में लटक गया पंचायत प्रतिनिधियों क्षेत्र के ग्रामीणों ने कई बार आंदोलन का रूप अख्तियार किया और सरकार का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया पर निष्कर्ष शून्य ही नजर आ रहा है पूर्व कि कार्यपालक एजेंसी आइएलएफएस को 237 करोड़ की योजना में 211 करोड रुपए भुगतान किया जा चुका था, बावजूद एजेंसी द्वारा कार्य नहीं किया गया. जिसे सरकार द्वारा ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया. पुनः इस कार्य को नई एजेंसी को दी गई है. जिसके लिए 57 करोड़ का टेंडर भी हो चुका है, बावजूद इसके कार्य अधर में लटका हुआ है, जो विभाग की सुस्त कार्यशैली को दर्शाता है. कई बार आंदोलन करने के बावजूद पुनः क्षेत्र के ग्रामीण पंचायत प्रतिनिधि आंदोलन का रूप अख्तियार किए और बागबेड़ा सिद्धू कानू मैदान में एक दिवसीय उपवास कर विभाग के साथ- साथ सरकार का ध्यान आकृष्ट करा कर जल्द से जल्द इस कार्य को शुरू कराने की मांग की. इस उपवास के कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे पूर्व जिला परिषद सदस्य किशोर यादव ने कहा कि 3 लाख की आबादी इस योजना के नहीं शुरु होने से प्रभावित है. आने वाला मौसम गर्मी का है बूंद- बूंद पानी के लिए लोग तरस जाएंगे. उन्होंने कहा कि 2015 की योजना 2023 आ चुका है. फिर भी पूर्ण नहीं हुई, 2 वर्षों से काम लटका हुआ है, नई एजेंसी को टेंडर भी मिल चुका है फिर भी काम ना होना विभाग के सुस्त रवैया को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द से जल्द कार्य शुरू नहीं हुआ तो क्षेत्र के ग्रामीण एक बड़ा आंदोलन अख्तियार कर अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे.