खुशकिस्मत होते हैं वे लोग जिनको यह नसीब होता है .लेकिन उपरोक्त 65 वर्षीय छात्र औऱ छात्राओं ने ऐसा कर दिखाया. देश के विभिन्न राज्यों और स्थानीय छात्रों ने तीन दिवसीय मिलन समारोह का आयोजन किया. जिसमें अपने स्कूल का भ्रमण , वहाँ के छात्रों के साथ बातचीत..अपनी एक पुरानी शिक्षिका का सम्मान, जमशेदपुर की सड़कों में सैर, bistupur राम मंदिर का दर्शन स्मृति उद्यान में अपने खोए हुए साथियों एव शिक्षकों के नाम वृक्षारोपण, डिमना की सैर तथा स्थानीय होटलों में भोजन.
एक बहुत-बहुत ही सुखद एहसास था. इस बैच में श्रीमती चंद्रा शरण भी सदस्य हैं. जिन्होंने इसे अपने जीवन का एक खुबसूरत अध्याय बताया. बाहर से आये हुए छात्रो को जमशेदपुर और भी खूबसूरत लगा. हरियाली औऱ स्वच्छता की तारीफ करते नहीं थके.