आज विजयादशमी है और इसको लेकर चारों तरफ विजयदशमी की धूम है. बंगाली रीति रिवाज में आज के दिन का काफी महत्व माना जाता है.
सुहागिन और कुंवारी लड़कियां मां का सोलह श्रृंगार कर सिंदूर खेला करती है. इस दौरान सभी महिलाएं आने वाले वर्ष में फिर से मां इसी तरह आए इसकी कामना करते हुए सदा सुहागन रहने की प्रार्थना करते हैं. महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सोलह सिंगार कर थाली में दही चूड़ा सिंदूर अपराजिता का लत लेकर मां का श्रृंगार करती हैं और मां को सिंदूर लगाने के बाद खुद भी सिंदूर लगाती है. इस दौरान एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सदा सुहागन रहने की कामना करती है. महिलाएं मां की आराधना भी करती है. जमशेदपुर में भी बंगाली समुदाय की महिलाएं सिंदूर खेला में शामिल हुई है अखंड सौभाग्य की कामना की. महिलाओं का कहना है कि हम लोग इस दिन दुखी मन से मां की विदाई करते हैं. विदाई के समय मां का सोलह श्रृंगार करते हैं, ताकि मां फिर से अगले वर्ष इसी तरह पधारें और सभी को सुहागन रखें.