
पहले चरण में पुलिस द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में शनिवार को पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में दलभंगा ओपी परिसर में स्थानीय मानकी मुण्डा और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई. जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे. बैठक में पुलिस अधिकारियों ने अफीम की अवैध खेती रोकने और वैकल्पिक कृषि को बढ़ावा देने पर जोर दिया. स्थानीय मानकी मुण्डा और जनप्रतिनिधियों ने अफीम की खेती नहीं करने की शपथ ली. अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सरायकेला ने उपस्थित ग्रामीणों को स्थानीय भाषा में अफीम के दुष्प्रभाव और संबंधित कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी तथा उन्हें वैकल्पिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया. आपको बता दे कि पिछले साल राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय के निर्देशन में जिला पुलिस ने अभियान चलाते हुए जिले भर में हो रहे करीब 625 एकड़ भूभाग से अफीम की खेती को नष्ट किया था. जिला पुलिस के अभियान का ही परिणाम है कि आज उनमें से ज्यादातर खेतों में धान की फसल लहलहा रहे हैं. पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुनायत ने ग्रामीण एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि वे पारंपरिक खेती को बढ़ावा दें. कहीं से यदि अवैध अफीम की खेती की सूचना मिलेगी तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि 8 सितंबर से शुरू हुए जागरूकता अभियान के तहत गांव-गांव घूम-घूम कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसके बाद भी यदि ग्रामीण अवैध अफीम की खेती करते पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. हालांकि पुलिस द्वारा पिछले साल किए गए कार्रवाई के बाद अब क्षेत्र की तस्वीर बदलने लगी है और ग्रामीण भी जागरूक होने लगे हैं. जरूरत है कि किसान अपनी खेतों में पारंपरिक खेती को बढ़ावा दें इसके लिए सरकार को भी प्रतिबद्धता दिखानी होगी. किसानों को समय पर उन्नत बीज और खाद के साथ- साथ सिंचाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित करानी होगी. फिलहाल पुलिस अपने स्तर से किसानों को जागरूक करने का हर संभव प्रयास कर रही है.
मुकेश कुमार लुणायत (एसपी)
