
हालांकि दिशोम गुरु और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के निधन के कारण लोगों में मायूसी देखी गई. मालूम हो कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन और शहीद निर्मल महतो ने अलग झारखंड राज्य की जो बुनियाद रखी आज उसी की देन है कि अलग झारखंड राज्य का सपना साकार हो सका. आज ही के दिन 1987 को चमरिया गेस्ट हाउस के गेट पर निर्मल महतो की निर्मल हत्या कर दी गई. उसके बाद झारखंड राज्य की मांग ने जोर पकड़ा और झारखंड अलग राज्य बना. पिछले दिनों शिबू सोरेन की मौत के बाद झारखंड आंदोलन के दो- दो नायकों की मौत से पार्टी नेताओं और शहीद निर्मल महतो के परिवार ने सादगी पूर्वक दिवंगत निर्मल महतो को श्रद्धांजलि अर्पित की. श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्य रूप से शहीद निर्मल मा तो परिवार की सदस्य और ईचागढ़ विधायक सविता महतो, झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता मोहन कर्मकार, पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो, सूर्य सिंह बेसरा सहित अन्य उपस्थित रहे. सभी ने शहीद निर्मल महतो एवं दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सपनों का झारखंड बनाने का संकल्प लिया.
