बोकारो केन्द्रीय औधोगिक सुरक्षा बल के बोकारो इकाई परिसर में 1250 पौधों से मियावाकी वन की स्थापना एवं उद्घाटन का आयोजन किया गया. मियावाकी वन स्थापन एवं उद्घाटन सीआईएसएफ बोकारो इकाई प्रमुख/डीआईजी दिग्विजय कुमार सिंह के द्वारा किया गया. डीआईजी सिंह ने कहा कि बोकारो क्षेत्र में संभवतः मियावाकी वन लगाने का यह पहला पहल है, जो कि उल्लेखनीय एवं प्रशंसनीय है. समान्य पेड़ों को जहाँ 12-16 फिट ऊचाई लेने के लिए 8-10 साल लगता है. वहीं, मियावाकी पद्धति से लगायें जाने वाले वनों के पौधे उस ऊचाई को केवल 2 साल में प्राप्त कर लेता है. यह भी उल्लेखनिय है कि इसमें वैसे नरियल को प्रयोग किया जाता है, जिसे दुकानदारों द्वारा कचरा में फेक दिया जाता है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शहर के अन्य क्षेत्रों में भी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (केऔसुब) द्वारा मियावाकी वन लगाए जाने की योजना है. इस विधि से वृक्षों की काफी तेज वृद्धि होती है. वृक्षों से ही गिरते जलस्तर ऊपर उठाया जा सकता है. तापमान में कमी लायी जा सकती है. वृक्षों से आसपास के लोगों को भरपुर अक्सिजन प्राप्त होता है. उन्होंने कहा कि कोविड काल के दौरान लोगों ने ऑक्सीजन के महत्ता को गहराई से समझना और जाना है. इस दौरान सीआईएसएफ के जवान सहित अन्य मौजूद थे. क्या है मियावाकी विधि- एक सीमित क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के देशी वृक्षों के पौधे, निश्चित दूरी पर लगाया जाता है. समय-समय जैविक खाद और पानी दिया जाता है. इस तरह से कम समय में ही बहुस्तरीय वन विकसित किया जाता है।दिग्विजय कु सिंह डीआईजी सीआईएसएफ