दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा और विकास बोर्ड (DTNBWED) भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत संचालित होता है।कार्यक्रम का उद्देश्य स्वामित्व, सुरक्षा और सुधार की संस्कृति को बढ़ावा देना है नई दिल्ली, 1 अगस्त 2024: टाटा स्टील टेक्निकल सर्विसेज लिमिटेड (TSTSL) और टाटा स्टील सपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (TSSSL) ने श्रम और रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत आने वाले दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा और विकास बोर्ड (DTNBWED) के साथ द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सहयोग का उद्देश्य भारत के सभी लोकेशंस के कार्यस्थल पर सुरक्षा, उत्पादकता और सुधार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कार्यक्रम तैयार करना और उसे लागू करना है।DTNBWED की ओर से महानिदेशक कर्नल नीरज शर्मा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जबकि TSTSL और TSSSL का प्रतिनिधित्व क्रमशः टाटा स्टील टेक्निकल सर्विसेज के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) संदीप धीर और टाटा स्टील सपोर्ट सर्विसेज के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर दीपक पी कामथ ने किया।इस साझेदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए, टाटा स्टील टेक्निकल सर्विसेज के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर संदीप धीर ने कहा, “टाटा समूह की कंपनी के रूप में, हमारे सीखने और विकास पर ध्यान देने के साथ DTNBWED के साथ यह साझेदारी हमारी कार्यबल की कौशल और उत्पादकता को बढ़ाने के निरंतर प्रयासों के साथ मेल खाती है।”टाटा स्टील सपोर्ट सर्विसेज के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर दीपक कामथ ने कहा, “इस समझौते के साथ, हम DTNBWED की पूरे भारत उपस्थिति का लाभ उठाकर इस कार्यक्रम को हमारे सभी स्थानों पर प्रभावी ढंग से लागू कर सकेंगे, जिससे हमारे सभी कर्मचारियों को इस पहल से लाभ मिलेगा।”इस अवसर पर DTNBWED के महानिदेशक कर्नल नीरज ने समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए खुशी जताई और इसे उनके सफर में एक महत्वपूर्ण क्षण बताया, क्योंकि यह किसी उद्यम के साथ उनका पहला ऐसा एमओयू है और वह भी देश के प्रमुख व्यापार समूहों में से एक, टाटा स्टील के साथ। टाटा स्टील की सहायक कंपनियां TSTSL और TSSSL मानव संसाधन सेवाओं में संलग्न हैं। दोनों कंपनियां कार्यबल के लिए कौशल विकास और उत्पादकता सुधार को प्राथमिकता देती हैं। DTNBWED के साथ यह रणनीतिक साझेदारी, जो श्रमिक शिक्षा कार्यक्रमों में अग्रणी है, इन उद्देश्यों के प्रति कंपनियों की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है। नए डिज़ाइन किए गए कार्यक्रम में उत्पादकता में सुधार, नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना और कार्यस्थल पर व्यवहारिक सुरक्षा को बढ़ाना देना शामिल होगा।