इसमें जमशेदपुर शहरी के अलावा चाकुलिया, धालभूमगढ़, घाटशिला पोटका और डुमरिया के भी कार्यकर्ता शामिल हुए. सौंपे गए मांगपात्र के जरिए इन्होंने शहर में दिन के वक्त भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने, जन वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को मिलने वाले अनाज प्रतिमाह मुहैया कराने, मनरेगा के तहत प्रतिदिन ₹500 और साल में 200 दिन का रोजगार दिए जाने, सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की बहाली करने, धान का सरकारी दर ₹3000 प्रति क्विंटल करने एवं लैंपस के माध्यम से धान खरीद की प्रक्रिया को सुगम बनाने, अल्पसंख्यक सहायता प्राप्त विद्यालयों के बच्चों को स्टाइपेंड देने हाथियों के सुरक्षा के मद्देनजर एलिफेंट कॉरिडोर का निर्माण करने, आवारा पशुओं का आतंक रोकने और जमशेदपुर में पार्किंग के मनमानी शुल्क पर रोक लगाए जाने की मांग की है.