लेकिन विसर्जन के बाद आप देख सकते है कि किस तरह मानगो सुवर्णरेखा नदी घाट प्रदूषित हो चुकी है । नदी के पानी हो या फिर नदी का किनारा सभी जगहों पर पूजन सामग्री फेकी हुई दिखाई पडेंगी ।
जरूरत है विसर्जन के समय पूजन सामग्री को पानी मे फेंकने के बजाय एक जगह एकत्रित करने की ताकि सुवर्णरेखा नदी प्रदूषित ना हो जिला प्रशासन के द्वारा प्रत्येक वर्ष नदी किनारे दो बड़े-बड़े गड्ढे बनाए जाते हैं ताकि लोग उसमें ही विसर्जन की सामग्री फेक लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी है जिसके कारण लोग पूजा सामग्री भी नदी में बहा देते हैं मूर्ति में विभिन्न तरह के केमिकल मिलाकर प्रतिमा बनाई जाती है जो पानी में घुलकर पानी को भी प्रदूषित करती है