सरना धर्मकोड को लागू करने, झारखंड के गिरिडीह स्थित पारसनाथ पहाड़ को जैनियों के कब्जे से मुक्त कर आदिवासियों को सौपने, संथाली भाषा को झारखंड के प्रथम राज्य भाषा का दर्जा देने, आदिवासी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने, जमीन की रक्षा करने के लिए सी एन टी, एसपीटी कानून को अभिलंब लागू करने, कुर्मी महतो को एस टी बनाने की अनुशंसा करने वाले पार्टियों का विरोध करने समेत 6 सूत्री मांग पत्र उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को सौंपा गया, जल्द से जल्द मांग पूरी करने की मांग की गई अन्यथा उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई