जहाँ उन्होने एक मांग पत्र भी सौंपा, इन्होने कहा की शिक्षा का अधिकार के तगत अभिवंचित वर्ग के छात्रों को कक्षा आठ तक की शिक्षा निजी विद्यालयों मे उपलब्ध करवाया जाता है, लेकिन इसके आगे यानी नौवी से बारहविं तक की शिक्षा के लिए उनके पैसे देने पड़ते हैँ, ऐसे मे इस वर्ग के छात्र पैसों के अभाव मे उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैँ, इस कारण उच्च शिक्षा को भी निशुल्क करना चाहिए ताकि ये छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण कर सके,