हीमोफीलिया सोसायटी जमशेदपुर चैप्टर की ओर से खास महल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय में हीमोफीलिया बीमारी पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया

Spread the love

हीमोफीलिया सोसायटी जमशेदपुर चैप्टर की ओर से खास महल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय में हीमोफीलिया बीमारी पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया,जहाँ जिले और जिले से बाहर से आए चिकित्सकों ने उपस्थित चिकित्सकों और नर्सों को साथ ही विभिन्न एनजीओ को किस तरह से हिमोफीलिया को जड़ से मुक्त करना है इस पर सूक्ष्म जानकारियां साझा की

नाल काटे जाने के बाद खून का निरंतर बहना, दांत मसूड़ों से ज्यादा खून निकलना, चोट लगने पर ऑपरेशन के उपरांत अथवा दांत निकालने के बाद देर तक खून का बहते रहना अत्यधिक रक्तस्राव को रोकने के लिए बार-बार प्लाज्मा या खून चढ़ाने की आवश्यकता पड़ना समेत हीमोफीलिया बीमारी के अनेक लक्षण है, इस बीमारी के लक्षण शुरुआत में कैसे पहचाने जाए, कोई व्यक्ति हिमोफीलिया पीड़ित हो गया है तो उसका उपचार कैसे किया जाए और इस बीमारी को जड़ से रोकने के क्या उपाय किए जाएं इन सभी विषयों पर हीमोफीलिया सोसायटी जमशेदपुर चैप्टर की ओर से खास महल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया जहां केवल जिले नहीं बल्कि जिले के बाहर से भी विशेषज्ञों ने उपस्थित होकर सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों और नर्सों के साथ सूक्षम से बड़ी जानकारियों को साझा किया वही वर्कशॉप की शुरुआत मुख्य अतिथि स्वरूप उपस्थित हुए सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल ने दीप प्रज्वलित कर की जानकारी देते हुए डॉक्टर शाहिर पॉल ने बताया कि हिमोफीलिया एक रक्त स्त्राव से संबंधित बीमारी है वर्तमान में सदर अस्पताल में जिले में चिन्हित 70 हिमोफीलिया के रोगी अपना इलाज करवाने आते हैं उन्होंने कहा कि इस रोग की रोकथाम कैसे करनी है इसे बढ़ने से कैसे रोकना है इसका इलाज कैसे करना है ऐसी विभिन्न विषयों पर हीमोफीलिया सोसायटी जमशेदपुर चैप्टर की ओर से वर्कशॉप का आयोजन किया गया है जिसमें विशेषज्ञ विभिन्न जानकारियों को साझा कर रहे हैं

बाइट—- डॉक्टर साहिर पॉल सिविल सर्जन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *