टाटा स्टील के सौजन्य से जन्मजात मूक- बधिर बच्चों के लिए सेंटर फॉर हियरिंग इम्पायर्ड चिल्ड्रन संस्था द्वारा एक दिवसीय शिविर लगाकर जांच की गई. शिविर में शहर व आसपास के दूर- दराज के बच्चों का जांच किया गया. इस संबंध में जानकारी देते हुए टाटा मुख्य अस्पताल के ईएनटी हेड डॉ विनायक बिरुआ ने बताया कि जन्मजात बधिर बच्चों का यदि समय पर काउंसेलिंग और उपचार हुआ और बच्चे दो से तीन सालों में सुन और बोल सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस शिविर में सभी अपने बच्चों की जांच कराकर उपचार शुरू कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि अभिभावकों को इसका ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे दो साल के अंदर यदि शुरुआती भाषाओं को बोलना यदि शुरू नहीं करते हैं तो उन्हें तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए.