बुंडू के विभिन्न नदी घाटों में आस्था के पावन पर्व के अवसर पर आज अस्ताचलगामी सूर्य को छठव्रतियों ने अर्घ्य दिया। सूप, दउरा, डलिया में छठ के सभी सामग्रियों को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है। लंबे लंबे केले के गुच्छे, फल फूल और कंद मूल से सजी टोकरियाँ भगवान सूर्य के अर्घ्य के लिए आकर्षक ढंग से सजाये गए हैं। बम पटाखों से छठ का उत्साह दोगुना नजर आ रहा था। कोविड संक्रमण के बाद 2022 में बड़ी संख्या में आस्था के महापर्व को सामूहिक रूप से पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। बच्चे, युवा, महिला पुरुष सभी छठ घाट में एक सुर एक कतार में अर्घ्य देते मनमोहक दृश्य पेश करते नजर आए।
सभी छठघाट छठ के गीतों से गुंजायमान रहे। छठ को लेकर बुंडू प्रशासन द्वारा सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं वहीं संवेदनशील इलाकों में मजिस्ट्रेटों को भी तैनात किया गया है। छठ घाटों में पानी की अधिकता को देखते हुए प्रशासन द्वारा रेड जोन भी बनाया गया है। साथ ही बोट और तैराकों की भी व्यवस्था की गई है।
बुंडू के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर स्थित तालाब में दूर दूर से छठव्रती छठ के लिए एक दिन पूर्व ही यहां आकर रुकते हैं। मन्दिर प्रबंधन समिति और नगर पंचायत द्वारा छठव्रतियों के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं,