गुरुवार को उपायुक्त अरवा राजकमल ने पोषण जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया मौके पर उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार गागराई, परियोजना निदेशक ITDA संदीप कुमार दौराइबुरु, अपर उपायुक्त सुबोध कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला, जिला शिक्षा पदाधिकारी, विधायक प्रतिनिधि सरायकेला सनंद आचार्य एवं जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती शिप्रा सिन्हा मौजूद रहीं. इस दौरान सेल्फी प्वाइंट भी बनाए गए थे जहां सभी अधिकारियों ने इस अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से अपने- अपने फोटो खिंचवाए साथ ही हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, एवं शपथ दिलाते हुए इस अभियान को जन जन तक पहुंचाने का संकल्प दिलाया गया. इस दौरान उपायुक्त ने कहा आज रवाना किए गए दो जागरूकता वाहन के माध्यम से आगामी तीन दिनों तक सुदूर एवं ग्रामीण क्षेत्र, के टोलों- मुहल्लों में रथ के माध्यम से टीकाकरण, खान पान, पौष्टिक आहार, उचित पोषण, स्वच्छता एवं साफ- सफाई, डायरिया एवं एनीमिया के रोकथाम पर विशेष जानकारी दी जाएगी. साथ ही गर्भवती महिलाएं, धात्री माताओं तथा नवजात शिशु, किशोरियों एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य बनाये रखने की जानकारियों से अवगत कराएंगे. उपायुक्त ने कहा कि आज के समय में कुपोषण हमारे समाज के लिए एक गंभीर समस्या है. इससे मुक्त होने के लिए हम सभी नागरिकों का जागरूक होना अति आवश्यक है जिसकी शुरुआत हमें अपने घर अपने गांव से करनी चाहिए इसकी रोकथाम हेतु विशेषकर बाल विवाह पर प्रतिबंध होना चाहिए एवं वैसे कुपोषित बच्चे जो दिखने में कुपोषित हैं उन्हें एमटीसी में भर्ती करवा कर उन्हें स्वस्थ करके घर भेजना हम सबकी जिम्मेदारी है इस दौरान उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष हमारे जिले में अति कुपोषित बच्चों की संख्या में काफी कमी आई है जो पिछले वर्ष 471 थी वह अब 278 हो गयी है. और हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में यह शून्य में हो और ना केवल इस पोषण मां अपितु हमें साल भर या प्रयास करना चाहिए कि जिले में कोई भी बच्चे कुपोषित ना हो एवं कोई भी माता एनीमिया ग्रसित ना हो. हम सभी को चाहिये कि अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हुए दूसरों को भी ऐसा करने हेतु प्रेरित करें. इसके लिए सही आहार, सही आदतें एवं अपने आस-पास स्वच्छता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है.
इसके अलावे उन्होंने कहा कि आज भी लोगों के बीच जागरूकता का अभाव है. महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान किन- किन चीजों का सेवन करना आवश्यक है, इसकी जानकारी उन्हें उपलब्ध कराई जानी चाहिये, ताकि वे पौष्टिक आहार का सेवन कर स्वयं एवं अपने बच्चे को स्वास्थ्य रख सकें. उन्होंने आगे कहा कि सभी सेविका- सहायिका एवं पोषण सखी अपने कर्तव्य को समझते हुए जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए कार्य करें. सभी के सामूहिक प्रयास से ही लोगों को जागरूक कर कुपोषण मुक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है. ऐसे में आवश्यक है कि हम सभी इस कार्य को करने का संकल्प लें और पूरे तत्परता के साथ मिलजुल कर कार्य करें.
अरवा राजकमल (उपायुक्त)