राज्य के पावर प्लांटों के समक्ष उत्पन्न हुई कोयला संकट, दिन प्रतिदिन स्थिति हो रही है भयावह

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झारखंड के पावर प्लांटों में कोयला का संकट हो गया है. इसका असर डीवीसी के तीन पावर प्लांट, टीवीएनएल के एक तथा आधुनिक पावर व इनलैंड पावर प्लांट पर असर पड़ रहा है. राज्य के कोल इकाईयों की तरफ से पावर प्लांटों से क्षमता से कम उत्पादन हो रहा है. जानकारी के मुताबिक, पांच अगस्त तक पावर प्लांटों को 165 हजार टन कोयला की आपूर्ति करना था. इसकी तुलना में कंपनी ने 157 हजार टन कोयला की आपूर्ति की गयी है. इसमें बीसीसीएल ने 80 हजार टन के बदले 66 हजार टन कोयला की आपूर्ति की. देश में पांच अगस्त तक 1560 हजार टन कोयला की आपूर्ति का लक्ष्य था. जबकि, 1522 हजार टन कोयला की आपूर्ति की गयी. टीवीएनएल के ललपनिया स्थित पावर प्लांट को शनिवार को तीन रैक कोयला मिला. फिलहाल यूनिट चालू है. पर स्टॉक एक ह दिन का है. डीवीसी कोडरमा थर्मल पावर प्लांट की क्षमता 1000 मेगावाट की है. यहां प्रतिदिन 12 हजार टन कोयला की जरूरत है. पर छह हजार टन कोयला ही दिया जा रहा है. यहां तीन दिन का स्टॉक बचा है. कोयला की कमी के कारण उत्पादन घटा कर 600 से 700 मेगावाट कर दिया गया है. वहीं, बोकारो थर्मल पावर में छह हजार टन की जगह तीन हजार टन कोयला दिया जा रहा है. यहां भी 500 मेगावाट की जगह 350 मेगावाट उत्पाद हो रहा है. चंद्रपुरा थर्मल में भी यही स्थिति है. कमांड एरिया में डीवीसी 550 की जगह 440 मेगावाट ही बिजली दे रहा है. इस कारण धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, कोडरमा, हजारीबाग, रामगढ़ व चतरा में लोड शेडिंग की जा रही है. वहीं, कमांड एरिया के बाहर डीवीसी को 150 मेगावाट बिजली देनी है. लेकिन, बिजली की कमी के कारण फिलहाल बिजली आपूर्ति बंद है. इस कारण लगातार बिजली कटौती हो रही है.

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