
बस्ती बचाओ संघर्ष समिति ने आज बिष्टुपुर स्थित टाटा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपने आंदोलन की औपचारिक शुरुआत की। समिति ने बर्मामाइंस क्षेत्र में बढ़ते धूल प्रदूषण, सड़क जाम, सड़क दुर्घटनाओं, अवैध पार्किंग और आम जनता में फैल रहे भय के माहौल को लेकर गंभीर चिंता जताई है।
समिति ने आरोप लगाया कि पिछले एक से डेढ़ वर्ष से टाटा स्टील बर्मामाइंस द्वारा सड़क के किनारे लगातार घेराबंदी की जा रही है, जिसके कारण सड़क अत्यंत संकीर्ण हो गई है। इससे आए दिन जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है।
इसका सीधा प्रभाव टाटा स्टील के कर्मचारी, एंबुलेंस के मरीज, स्कूल जाने वाले बच्चे और रेल स्टेशन जाने वाले यात्रियों पर पड़ रहा है। समिति ने कहा कि इस सड़क का विस्तारीकरण बेहद जरूरी है, अन्यथा किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
बर्मामाइंस बाज़ार के पास बना स्लैग प्वाइंट स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर डाल रहा है। सड़क से गुजरने वाले राहगीरों तक को धूल प्रदूषण से बचाव मुश्किल हो गया है।
नुवोको सीमेंट कम्पनी की गाड़ियां बर्मामाइंस स्थित पुंज कम्पनी परिसर में अवैध पार्किंग करती हैं और इसके नाम पर रुपये की उगाही की जाती है। इसके कारण पूरे मार्ग पर जाम जैसी स्थिति बनी रहती है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ती है।
जुस्को से जुड़े कुछ लोगों द्वारा लगातार बस्ती टूटने की धमकी जैसी बयानबाजी की जा रही है, जिससे स्थानीय लोग बेहद भयभीत हैं।
साथ ही बस्ती क्षेत्र में आने-जाने वाले प्रमुख मार्गों को बंद किया जा रहा है, जिससे लोगों में असुरक्षा और तनाव बढ़ता जा रहा है।
इन सभी मुद्दों पर एक सामूहिक निर्णय लेते हुए बर्मामाइंस के लोगों ने बस्ती बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले शांतिपूर्ण एक दिवसीय धरना आयोजित करने की घोषणा की
