उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई सीएसआर संबंधी समीक्षा बैठक, आजीविका संवर्धन, शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधी प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन पर हुई चर्चा, दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश

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समाहरणालय सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) संबंधी समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिले में संचालित एवं प्रस्तावित सीएसआर परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। मुख्य रूप से आजीविका संवर्धन, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल विकास से संबंधित प्रोजेक्ट्स पर विशेष बल दिया गया। बैठक में जिले में कार्यरत विभिन्न कंपनियों एवं संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी परियोजनाओं का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि CSR के अंतर्गत किए जा रहे सभी कार्य जन-हितकारी, दीर्घकालिक एवं स्थायी विकास की दिशा में परिणामदायी हों, इस दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है।

उपायुक्त ने कहा कि सीएसआर केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह समाज के सर्वांगीण विकास का सशक्त माध्यम है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आजीविका संवर्धन की योजनाओं से समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को प्रत्यक्ष लाभ मिले। कंपनियां अपने प्रोजेक्ट को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करें और उसका लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।

उपायुक्त ने विशेष रूप से निर्देश दिया कि शिक्षा क्षेत्र में सरकारी स्कूल के बच्चों का शैक्षणिक भ्रमण, स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लर्निंग व छात्रवृत्ति योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। स्वास्थ्य क्षेत्र में मिर्गी मरीजों की जांच एवं उपचार, मानसिक रूप से दिव्यांगों के लिए प्रशासन द्वारा कार्य किया जा रहा है, इसमें कंपनियों से सहयोग अपेक्षित है। पोषण कार्यक्रम एवं मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं पर भी बल दिया जाए। आजीविका संवर्धन के तहत महिला समूहों, स्वरोजगार, कृषि आधारित गतिविधियों एवं कौशल प्रशिक्षण को प्रोत्साहित किया जाए । सभी कंपनियां अपने प्रोजेक्ट्स को जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर नियमित रूप से प्रगति रिपोर्ट साझा करें।

बैठक में यह भी तय किया गया कि जिला प्रशासन सीएसआर प्रोजेक्ट्स के प्रभाव का मूल्यांकन कर उनकी गुणवत्ता व पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। उपायुक्त ने कंपनियों से यह भी अपील की कि वे केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित न रहें, बल्कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी परियोजनाओं का विस्तार करें ताकि विकास की किरण हर व्यक्ति तक पहुंच सके।

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