पूर्वी शिहभूम जिला में थारले से गिट्टी माफिया पहाड़ को जमीन दोष कर रहा है वैसे ताजा मामला जमशेदपुर पटमदा का ठन ठनिया घाटी का है

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वैसे इस घाटी से पहाड़ गायब हो रहा है. अगर कल शायद ना रहे कारण पहाड़ चोरों की नजर ठन ठनिया घाटी की पहाड़ियों पड़ गई है । रात तो रात दिन के उजले में भी पत्थर माफिया कला पत्थर निकाल रहे है । पटमदा मुख्यमार्ग के ठीक बगल में नीचे पत्थर माफिया अपनी मंसूबों को अंजाम दे रहे है । एक तस्वीर के माध्यम से आने वाली कल को दिखाने का मुख्य उद्देश्य मात्र इतना की समय रहते ठन ठनिया घाटी को बचा लिया जाए। पत्थर माफिया भले ही वह निजी लाभ के लिए इस तरह के कार्यों को अंजाम दे रहे मगर इसका सीधे नुकसान प्राकृतिक को है जिसका दंड चाहे जो हो मगर प्रकृति सुंदरता को भी छीन भिन्न हो रही है। जिस पर वन विभाग,खनन विभाग जिला प्रशासन ध्यान शायद नहीं ।

एक बिहार के गया जिले के दशरथ माझी जो आम जन मानस के लिए पहाड़ काट पूरे विश्व में एक उदाहरण बने मगर वही जमशेदपुर के पटमदा में पहाड़ चोर पहाड़ काट अपने आप को अपराधी बना रहे है । यह वह पटमदा है जिसकी भौगोलिक स्थिति में ऊंचे ऊंचे पहाड़ , जंगल और खूबसूरत दृश्य से लैस है जहा आप जाए तो आपको दार्जलिंग और कश्मीर का फ़िल मिलेगा मगर इन दिनों पत्थर माफियों के करतूतों से लगता है पटमदा का ठन ठनिया घाटी नहीं बचेगा । जिस पर विधायक सरयू राय ने चिंता जाहिर करते हुए कहा बिना विभाग के मिलीभगत के ऐसा नहीं हो सकता कि पहाड़ साफ हो जाए । जहा मेरा भरोसा है कि सरकार के संज्ञान में भी होगा और वही से कमाड भी होता होगा कारण चार वर्ष पहले कोर्ट ने भी इस तरह पहाड़ काटने के3 मामले में संज्ञान लिया था ।

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