जमशेदपुर में टाटा स्टील की नयीशुरुआत, अब जानवरों का भी होगा अंतिम संस्कार

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बनाये गये नये पेट क्रीमेटोरियम को किया गया समर्पित

जमशेदपुर शहर में अब जानवरों की लाशों का भी अंतिम संस्कार होगा. मानव शरीर का अंतिम संस्कार के लिए जिस तरह शहर में साकची और बिष्टुपुर में बर्निंग घाट है. उसी तरह का एक बर्निंग घाट टाटा स्टील की ओर से जमशेदपुर के जुबिली पार्क के पीछे खाली स्थान पर तैयार किया गया है. टाटा स्टील के सुरक्षा विभाग के केनल डिवीजन के सहयोग से इसका संचालन शुरू किया जायेगा. इसका उदघाटन टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी ने किया. इस मौके पर रुचि नरेंद्रन, टाटा स्टील यूआइएसएल के प्रबंध निदेशक रितुराज सिन्हा, टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु, महामंत्री सतीश सिंह समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे. इस मौके पर इस नये क्रीमेटोरियम की जानकारी टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी ने बताया कि इससे पशुपालकों को काफी साजुलियत होंगी एक बार में 50 किलो के किसी भी जानवर का
अंतिम संस्कार हो सकता है. दरअसल, कुत्ता,बिल्ली समेत अन्य जानवरों को लोग पालते है. जब उनका देहांत हो जाता है तो उनका अंतिम संस्कार का कोई जगह नहीं होता है. इस वजह से यह आइडिया को अंतिम रुप दिया गया. पीएनजी गैस के जरिये यह अंतिम संस्कार हो सकेगा, जिसका करीब 2500 रुपये तक का चार्ज लोगों को देना होगा. भारतीय गैस प्राधिकार लिमिटेड (गेल-इंडिया) द्वारा जानवरों के श्मशान घाट में पीएनजी गैस की आपूर्ति पाइपलाइन से की जायेगी. गेल के अधिकारियों ने जानवरों के श्मशान घाट के पास गेल सर्विस स्टेशन की स्थापना भी की है.आपको बता दें कि टाटा मोटर्स जमशेदपुर प्लांट का भी एक कैनल क्लब है. क्लब में जब किसी कुत्ते की मौत होती है तो उसे कंपनी परिसर स्थित विशेष कब्रगाह में दफनाया जाता है. स्मारक बनाकर श्वान का नाम, जन्म और मृत्यु की तिथि
और उनकी उपलब्धियों का उल्लेख किया जाता है. यहां हर साल डॉग शो भी आयोजित किया जाता है. इसके अलावा कैट शो भी होता आया है.
यह बताता है कि किस कदर पालतू जानवरों के प्रति लोगों का प्रेम है.

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