,जहां ढोल नगाड़े, अखाड़ा कमेटी के युवकों का करतब, अखाड़ा कमेटी द्वारा तैयार किया गया ताजिया मुख्य आकर्षण का केंद्र थावीओ—–इस्लाम धर्म की मान्यता के मुताबिक, हजरत इमाम हुसैन अपने 72 साथियों के साथ मोहर्रम माह के 10वें दिन कर्बला के मैदान में शहीद हो गये थे। उनकी शहादत और कुर्बानी के तौर पर इस दिन को याद किया जाता है। इधर पूरे देश समेत राज्य और जमशेदपुर शहर में शहादत के इस त्यौहार को मनाया गया, इसी क्रम में जुगसलाई तेल गली से मिलते इस्लामिया अखाड़ा द्वारा भव्य जुलूस निकाला गया, जुलूस के शुभारंभ के समय जुगसलाई थाना प्रभारी समेत जनप्रतिनिधियों व शहर के गणमान्य लोगों को पगड़ी पहना कर सम्मानित किया गया जहां अखाड़ा कमेटी के खिलाड़ियों द्वारा एक से बढ़कर एक करतब दिखाया गया, अखाड़ा कमेटी द्वारा ताजिया बनाई गई जो मुख्य आकर्षण का केंद्र रही, जानकारी देते हुए अखाड़ा कमेटी के अब्बास अंसारी ने कहा कि 1400 वर्ष पहले शहीदे आजम हज़रत इमामे हसन हुसैन के शहादत दिवस पर मोहर्रम का जुलूस निकाला जाता है उन्होंने बताया कि सत्य और सत्य की लड़ाई में उन्होंने सत्य के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी, उन्होंने कहा कि सभी को आज के दिन प्रेरणा लेने की जरूरत है कि हमेशा लोग सत्य के रास्ते पर चले