बीते 2019 मे खरकई नदी के बड़ौदा घाट पर बन रहे बृहत ग्रामीण जलापूर्ति योजना के पाइप लाईन बिछाने के लिये नदी मे बन रहे 22 पिलर आज भी आधा अधूरा है । अबतक केवल 11 पिलर ही बन पाये है , जिसमे एक पिलर ध्वस्त होकर नदी मे गिर पड़ा है । आपको बता दे कि 237 करोड़ की योजना मे शहर के जगह बागबेड़ा और गोविदपुर मे ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत जलमिनार बनाकर डोर टू डोर पानी घर तक पहुंचाना था , जिसमे गोविन्दपुर जलापूर्ति योजना तो पूरी हो गयी है , लेकिन बागबेड़ा के 21 पंचायत के 113 गांव के लिये बन रहे जलापूर्ति योजना आज भी आधा अधूरी है ।
ग्रामीण जलापूर्ति योजना बीते 2015 मे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसका शिलान्यास किया था , लेकिन सरकार बदलते ही यह योजना ठंठे बस्ते मे चला गया । अधिकारियों और संवेदक की लापरवाही से यह योजना अधर मे लटका है । इस योजना मे लूट खसोट का भी आरोप लगा है , जिसकी मांग बागबेड़ा के ग्रामीण करते आ रहे है ।
न्यूज 18 ने जब सर्वे किया तो जाना की बागबेड़ा बृहत ग्रामीण जलापूर्ति मे 80 प्रतिशत पाइप लाइन बिछ चुके है , बागबेड़ा के विभिन्न जगहों पर पांच जलमीनार बनाये गये है , लेकिन अब यह धीरे धीरे जर्जर होने के कगार पर है । सात साल बीतने को है लेकिन बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना आजतक पूरा नही हुआ । अब विभाग की ओर से फिर से बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना में अब 63 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने जा रही है । इसके लिये पेयजल एवं स्वच्छता विभाग नया टेंडर निकालने जा रही है । मूल्यांकन के बाद मुख्य अभियंता प्रस्ताव को हरी झंडी देने के बाद डीपीआर तैयार होंगे । और इस काम में कई महीने लग सकते हैं, क्योंकि अंतिम डीपीआर तब बनेगा जब सरकार टेंडर के लिए सामग्रियों का रेट जारी कर देगी।
फिलहाल बागबेड़ा के 113 गांव के लोग आज भी इंतज़ार मे है कि उन्हे शुद्ध पेयजल मिलेगा , लेकिन यह समय के गर्भ मे अब भी है।
