सरायकेला से कल्याण पात्रों कीरिर्पोट
लोकेशन – सरायकेला
कहते है कि जिन्दगी देने वाले भगवान के बाद डॉक्टर की भूमिका अहम होती है । ऐसे में अन्तिम आस लिए लोग अस्पताल पहूंचते जरूर है पर वहां भी जीवन का सौदा हो जाता है । ऐसे ही घटना आदित्यपुर स्थित मेडिट्रीना अस्पताल में इलाज के दौरान बीती रात को एक व्यक्ति ने अपनी जीवन को उस वक्त को छोड़ना पड़ा जब आधी रात को दो लाख पचीस हजार जमा करने को कहा गया । जब परिजन ने 50 हजार की अग्रीम राशि को जमा कर चुकें थे । अब भगवान भी सौदागर हो गयें है ।
मंगलवार को सिनी निवासी गणेश मोदक को सीने में दर्द की शिकायत के बाद परिजनों ने मेडिट्रीना अस्पताल में रात 11 – 00 बजे उसे भर्ती कराया था. अस्पताल
प्रबंधन की ओर से बताया गया, कि उन्हें हार्ट अटैक आया है, तत्काल करीब सवा 2.25 लाख रुपये जमा करनी होगी. मृतक के पुत्र कैलाश मोदक ने आधी रात को इतनी बड़ी रकम जमा करा पाने पर असमर्थता जताई. उन्होंने 50000 रुपये तत्काल जमा कर दिया था. डेढ़ घंटे बाद बाकी पैसे जमा कराने के लिए मिन्नतें करता रहा. यहां तक कि अपने दोस्तों रिश्तेदारों से एटीएम कार्ड मंगवा कर स्वाइप के जरिए पैसे देने की बात कही थी. मगर अस्पताल प्रबंधन ने स्वाइप मशीन खराब होने का हवाला देकर सारे पैसे नगद जमा करने की बात कहने लगा. इस रस्साकशी में मरीज का इलाज शुरू नहीं हो सका. रात करीब 2 00 बजे प्रबंधन की ओर से 50000 रुपए जमा कराए गए, उसके बाद करीब आधे घंटे बाद मरीज को मृत घोषित कर दिया गया. इसको लेकर मरीज के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा शुरू कर दिया. परिजन सीधे-सीधे इसके पीछे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही मान रहे हैं. वहीं इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई भी जिम्मेदार अधिकारी अभी कुछ भी बताने या अपनी बात कहने से इंकार कर रहा है. वही समाजिक संगठन इस मामले को हत्या करार दे रहे है । और स्वास्थमंत्री बन्ना से गुप्ता से उचित कार्रवाही की मांग की ।