सरकार काला कानून वापस ले वर्ना 16 मई से व्यापारिक गतिविधियां ठप – मनोज चौधरी

Spread the love

(ब्यूरो चीफ- सुमन मोदक) सरायकेला: सरायकेला चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव सह भाजपा नेता मनोज कुमार चौधरी ने कृषि उपजों पर झारखंड सरकार द्वारा अवांछित टैक्स लगाने संबंधित विधेयक को किसान व्यापारी एवं जन विरोधी करार दिया। राज्य सरकार झारखंड में कृषि बाजार शुल्क को पुनः प्रभावी होने के मामले पर कड़ा विरोध करते हुए श्री चौधरी में कहा है कि कृषि बाजार शुल्क को पुनः लागू करना राज्य के किसानों, व्यवसायवर्ग व उपभोक्ताओं के साथ एक तरह ज्यादती होगी। इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा और व्यापारियों का दोहन शोषण भी होगा। श्री चौधरी ने कहा कि जिस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास जी ने इसे समाप्त किया था और व्यापारियों, किसानों और नागरिकों को राहत देने का काम किया था। यह सरकार उसे लागू करके पुनः भ्रष्टाचार की व्यवस्था को आगे बढ़ाना चाह रही है।

श्री चौधरी ने कहा कि अपने प्रारंभ के कार्यकाल से ही यह सरकार जो खुद को झारखंडी सरकार कहती है, यह व्यवसायियों के दोहन और शोषण पर लगी हुई है। कृषि बाजार टैक्स लागू किए जाने से राज्य के व्यवसायियों, किसानों के समक्ष बड़ा संकट उत्पन्न होगा। यह पूरी तरह से अप्रासंगिक विधेयक है। भले ही से लागू करने वालों को मालूम नहीं, परंतु इससे महंगाई और बेलगाम होगी। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होगी। इसकी सीधी मार आम उपभोक्ताओं और किसानों पर पड़ेगी। किसानों की परेशानियां बढ़ेंगी। ऐसे ही इस राज्य के व्यापारी और किसान कई संकटों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में यदि सरकार ने इस पर विचार नहीं किया तो यह बहुत बड़ा अन्याय होगा। भ्रष्टाचार को संरक्षण और पोषण देने वाला होगा।

श्री चौधरी ने कहा कि सरकार को अविलंब इस फैसले को वापस लेना चाहिए ताकि राज्य में व्यवसायिक गतिविधियां आराम से चल सके। किसान अपने काम आराम से कर सकें और सबसे बड़ी बात कि राज्य सरकार को इस तरफ ज्यादा ध्यान देना चाहिए, जहां व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। राज्य की जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो ताकि इन्हें सुरक्षित वातावरण में बेहतर व्यवसाय करने का अवसर मिले।

उन्होंने बताया कि फेडरेशन झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा कृषि बाजार शुल्क से संबंधित विधेयक के विरोध में रविवार को रांची में राज्य स्तरीय बैठक में भारी संख्या में व्यापारी द्वारा लिए गए निर्णय के आलोक में 19 – 20 अप्रैल राज्य के सभी खाद्यान व्यापारी अपने अपने प्रतिष्ठान में काला बिल्ला लगाकर व्यापार संचालित करेंगे। इसी कड़ी में सरायकेला के सभी दुकानदारों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध जता रहे हैं। और कल से चरणबद्ध आंदोलन के तहत
21 अप्रैल
इस विधेयक के विरोध में अपने-अपने प्रतिष्ठान में पोस्टर लगाकर आमजनों को जागरूक किया जाय।

दिनांक – 22-23 अप्रैल:-
अपने-अपने जिले से इस विधेयक के विरोध में माननीय राज्यपाल/मुख्यमंत्री को अत्यधिक संख्या में पोस्टकार्ड प्रेषित किया जायेगा।
इस मुहिम में व्यापारियों के साथ किसानों और आम उपभोक्ताओं को भी शामिल किया जाना आवश्यक है।

दिनांक -27 अप्रैल :-
सभी जिलों के उपायुक्त कार्यालय के बाहर 1 घंटे का सांकेतिक धरना-प्रदर्शन किया जाय एवं माननीय राज्यपाल/ मुख्यमंत्री के नाम से सम्बोधित उपायुक्त को ज्ञापन प्रेषित किया जाय।*

दिनांक – 28 अप्रैल से 14 मई तक:-
अपने-अपने जिले के स्थानीय सांसद/विधायक से मिलकर इस विधेयक को समाप्त कराने के समर्थन में अनुशंसा पत्र निर्गत कराने के प्रयास किये जायेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *