सरायकेला
जिसमें श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. गाजे- बाजे, जयकारे व श्री श्याम निशान के साथ बड़ी संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए. माथे पर तिलक लगाए व अबीर-गुलाल खेलते श्यामभक्त भक्ति गीतों पर झूमते नजर आए. भव्य निशान शोभा यात्रा लक्ष्मी नरायण मंदिर से निकाली गई जिसमें 11 सौ पुरुष एवं महिला एक ही रंग के वस्त्र धारण कर शामिल थीं. इनके अलावा शोभा यात्रा में पूरे सरायकेला के हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. नृत्य नाटिका द्वारा मनमोहक नृत्य व भजन पेश किया गया. शोभा यात्रा में शामिल श्रद्धालु हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा, बड़ा ही दयालु है वह मेरा श्याम एक बार उसकी शरण में आकर तो देखो आदि नारे लगाते हुए बढ़ने लगे. शोभायात्रा लक्ष्मी नरायण मंदिर से प्रारंभ होकर कालुराम चौक से संजय चौक व गैरेज चौक से थाना चौक एवं बस स्टैंड होते हुए समारोह स्थल बिरसा मुंडा स्टेडियम में समाप्त हुई. निशान यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को बाबा का खजाना दिया गया. निशान शोभा यात्रा जिधर से गुजरी लोगों ने अपने- अपने घरों से निकल कर फूलों की वर्षा की. शोभा यात्रा से पूरा नगर रंग रंगीला बसंत ऋतु से सराबोर हो गया और लगा कि भगवान श्री कृष्ण जी स्वंय सरायकेला में पधारें हैं. श्री श्याममित्र मंडल की ओर से निकाली गई शोभायात्रा में श्री श्याम बाबा के रथ व निशान लेकर चल रहे श्याम भक्तों पर कई जगहों पर पुष्पवर्षा की गई. शोभायात्रा को ले मार्ग की साफ- सफाई की गई थी. श्री श्याम रथ को आकर्षक ढंग से सजाया गया था