
तो राजनीति से इस्तीफा दे देगे. हेमंत सोरेन ने सदन में कहा आठ एकड़ जमीन को लेकर कहा कि वह जमीन मेरा नहीं है। जमीन से जुड़े मामला आखिर क्या है अगर कोई चोर किसी की गाड़ी की चोरी करने हैं तो चोर अगर पकड़ लेंगे तो क्या कहेंगे कि यह गाड़ी मेरे हैं. झारखंड में तो कोई फैक्ट्री कल कारखाना नहीं हैशिबू सोरेन, स्व दुर्गा सोरेन, बसंत सोरेन, हेमंत कुमार, सीता सोरेन यह काली कमाई कर रहे हैं. संतोष मुंडा ने वीडियो के माध्यम से कहा की किस प्रकार जमीन लिया गया है. पूरा जमीन का बाउंड्री वॉल किया गया है.. पत्थर से किया गया है. सात अगस्त को ed ने पहला समन भेजा . 16 अगस्त को राजकुमार पाहन नामक व्यक्ति से एक पत्र लिखाया । लेकिन वह मैनेज नही कर पाए अंचल से लिखा गया.Ed ने सीआई को जांच पड़ताल करने को कहा गया. संतोष पाहन के नाम से यह जमीन दर्ज है और यह जमीन 17 लोगों के नाम से दर्ज है। अंचल से रिपोर्ट ed को भेजा. 29 जनवरी को रिपोर्ट भी आ गया… उससे पहले जमीन किसी दूसरे के नाम में संशोधन किया। इसलिए वह बार बार वह कह रहे हैं कि जमीन मेरे नाम से नहीं है। 14 अगस्त को जब ed ने नोटिस भेजा… तो उसी समय ये घालमेल कर राजकुमार पाहन के नाम से जमीन लिखवाया। सभी कागजात तैयार किया गया नाम बदल बदल कर जमीन लिया गया।हेमंत सोरेन की जगह हेमंत कुमार सोरेन किया। अपने पिता और भाई का भी नाम में बदलाव किया है। 108 संपति इनके नाम से हैं। दुमका में भी जमीन इनके नाम से बहुत बड़ी प्लाट है यह भी जमीन किसी दूसरे के नाम से है।