यह नजारा मानगो का है जहा स्वर्णरेखा पुल के निचे पत्थरो पर आदित्य L1 को देखते हुये सूर्य देव को अर्ग देती हुई छठ वर्तियों को दर्सया गया हैं जिसे चित्रकार विशेन्द्र नारायण सिंह के द्वारा दर्शाया गया है जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना है वही इस संदर्भ में मीडिया से बात करते हुए विशेन्द्र नारायण सिंह ने कहा कि भारत के वैज्ञानिकों को आदित्य L1 की सफलता की हम शुभकामनाएं देते हैं जहा सूर्य उपासना के महापर्व मे आने वाले छठवर्ती महिलाओं तक आदित्य L1 का संदेश हम देने का प्रयास कर रहे हैं वहीं अब भारत पूरे विश्व का पहला देश बनेगा जहा हम भगवान सूर्य देव की अगल-बगल होने वाली गतिविधि को जान सकेंगे