साकची आमबागान मौदान से यह मशाल जुलुस निकाला गया जो साकची के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए जिला मुख्यालय पहुँच प्रदर्शन मे तब्दील हो गया, इन्होने कहा की पारसनाथ पहाड़ जो आदिवासियों का मारंग बुरु यानी ईश्वर हैं, उसे जैन धर्म के कब्जे से हटाकर आदिवासियों को सौंपी जानी चाहिए, साथ ही भारत देश के सभी पहाड़ पर्वतों को आदिवासियों को सौंपा जाना चाहिए, साथ ही वर्ष 2023 मे किसी भी हाल मे सरना धर्म कोड लागु की जानी चाहिए