इनके अनुसार ठेका मजदूरी के नियमों के तहत किसी भी ठेका कर्मी को ज़ब किसी ठेका कंपनी से हटाया जाता है तो उन्हें छटनी मुआब्जा दिया जाना चाहिए, लेकिन यह नियम सिर्फ कागजो मे ही सिमित रह गया है, तमाम मजदूरों से जबरन उनका गेट पास जमा करवाया जाता है और यह दर्शाया जाता है की मजदूर ने अपनी मर्जी से काम छोड़ दिया, जिससे की उक्त ठेकेदार या ठेका कंपनी को उनका छटनी मुआब्जा न देना पड़े, यूथ इंटक के राष्ट्रीय सचिव राजीव पाण्डेय ने बताया की पुरे जमशेदपुर शहर मे कार्यरत मजदूरों का ऐसे ही शोषण हो रहा है, जिसे यूथ इंटक अब बर्दाश्त नहीं करेगी और तब तक आंदोलन करेगी जब तक मजदूरों को उनका अधिकार नहीं मिल जाता.