इन्होने कहा की जातिगत आधारित जनगणना नहीं होने से तमाम मूलनिवासी और पिछड़े वर्गों को उनका वास्तविक अधिकार प्राप्त नहीं हो रहा है, विगत 2011 मे जातिगत आधारित जनगणना हुई थी लेकिन इसका रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया, जो गलत है, इन्होने कहा की के केंद्र की सरकार जान बुझ कर इस कार्य को नहीं कर रही है जिसका विरोध मूलनिवासी संघ करता है, इन्होने मांग पत्र के मध्यम से वर्ष 2011 के रिपोर्ट को सर्वजानीक करने एवं जातिगत आधारित जनगणना करवाये जाने की मांग की,