समाज के द्वारा विगत 40 वर्षो से कुल के देवता प्रभु बलभद्र के जन्मोत्सव को एक उत्सव के रूप मे मनाया जाता है, इस दौरान पहले प्रभु का पूजन किया जाता है, जिसके बाद भजनो की प्रस्तुति होती है, समाज के पदाधिकारियों के अनुसार इस आयोजन मे समाज के उत्कृष्ट छात्रों एवं प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाता है, साथ ही समाज मे विवाह के इक्छुक परिवारों का भी मिलन करवाया जाता है, और समाज के गरीब तबके के लोगों को आर्थिक मदद भी की जाती है.