जमशेदपुर के अलग- अलग मस्जिदों एवं ईदगाहों में ईद- उल- अजहा यानी बकरीद की नमाज अदायगी के साथ ही मुसलमानों का दूसरा सबसे बड़ा पर्व बकरीद शुरू हो गया. ईद- उल- फितर के करीब 70 दिनों बाद बकरीद मनाई जाती है. ईद- उल- अजहा को बकरीद भी कहा जाता है. यह इस्लाम धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. ईद- उल- अजहा का पर्व को मुस्लिम समाज के लोग त्याग और कुर्बानी के तौर पर मनाते हैं. मान्यता है कि यह त्योहार हमेशा लोगों को खुशी बांटने और त्याग के लिए प्रेरित करता है. जमशेदपुर में ईद- उल- अजहा की नमाज अदायगी के बाद लोग एक दूसरे से गले मिले और बधाइयां दी. ईद उल अजहा की नमाज अदा की गई. उसके बाद लोग कुर्बानी का फर्ज अदा करने की तैयारी में जुट गए.