सरायकेला-खरसवां जिला के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के सिदाटाँड़ हुरलुंग, बोरडीह ,बिसुनडीह आदि गाँवों को मिलाकर सिदाटांङ मे बुधवार को माघ (पुर्णिमा)कुनामी के अवसर पर संथाल समुदाय में विद्या की देवी के रूप में पुजी जाने वाली बिदु चान्दान की पुजा बड़ी धुमधाम से की गई।सर्व प्रथम एक कुँवारी लड़की व एक कुँवारा लड़के तथा साथ में तीन कुँवारी लड़कियों द्वारा हाथ में तलवार लिये और पुरूष ढोल नगाड़ा व माँदर बजाकर बिदु चान्दान की गीत गाते हुये नायके बाबा को नदी किनारे ले जाते है।नदी में नायके बाबा द्वारा मारांग बुरू जाहेर आयो के नाम तीन पत्थर रखकर तीन टीका सिंदुर व काजल चढ़ाते हैं।तत्पश्चात कुँवारी लड़े लड़की द्वारा दो कलश में पानी भरकर पुजा स्थल तक ले आते है । बिदु चन्दन पुजा स्थल की और महिलाएं चारों और तीन बार परिक्रमा करते हैं।एवं नायके बाबा रबि मुर्मू द्वारा मंत्रोच्चारण कर बिदु चान्दान की चित्र पर हड़ियां,पुष्प ,दुध अरवा चावल एवं भोग चढ़ाकर पुजा सम्पन्न करते हैं। बताया जाता है है बिदु चान्दान मां सरस्वती की तरह संथाल समुदाय द्वारा माने जाने वाले विद्या , बुद्धि की देवता है । संथाल समुदाय इस पुजा को सामुहिक रूप से धुमधाम के साथ मनाया जाता है ।मौके पर भाषाण टुडू दुखू टुडू सालखान सोरेन जगन्नाथ किस्कु सुनील मार्डी वृहस्पति टुडू अंजित किस्कु राम टुडू लिलमोहन टुडू सुनिता टुडू आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।