घाटशिला के पूर्व विधायक सह आजसू के संस्थापक सूर्य सिंह बेसरा ने चुप्पी तोड़ी है. वैसे एकबार फिर से सूर्य सिंह बेसरा सरकार से नाराज नजर आए. उन्होंने दो साल पुरानी हेमंत सोरेन सरकार की तुलना अलीबाबा चालीस चोर से करते हुए कहा यह गठबंधन मुद्रा दोहन का बना है. वर्तमान सरकार हर स्तर पर विफल साबित हुई है. स्थानीय नीति निर्धारण, शिक्षा नीति, भाषाई नीति से लेकर शहीदों के सम्मान और जल जंगल जमीन की रक्षा करने में वर्तमान सरकार विफल रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री को पूरी तरह से निकम्मा करार देते हुए तत्काल इस्तीफा देने और एक दिन के लिए खुद को राज्य का मुख्यमंत्री बनने की मांग की है. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री मेरे साथ संवाद करे अगर मैं हार गया, तो राजनीति से सन्यास ले लूंगा और अगर जीत गया तो मुझे सिर्फ एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बना दें, अगर राज्य की दशा और दिशा नहीं बदल दूं तो राजनीति छोड़ दूंगा. सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कोयलांचल जमीन के आग से झुलस रहा है कोल्हान के युवा अपमान की आग में जल रहे हैं. पिछले दिनों चाईबासा में हुए घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, कि कोल्हान से हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ उलगुलान का आगाज हो चुका है. उन्होंने बताया, कि वहां अलग देश नहीं बल्कि पेशा कानून के तहत ग्राम सभा को अधिकार देने की मांग को लेकर उलगुलान हुआ है. यह उलगुलान हेमंत सोरेन को सत्ता से उखाड़ फेंकेगी पूर्व विधायक ने 2024 से पहले वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेते हुए कहा, आज से ही वर्तमान सरकार के विधायकों और मंत्रियों का विरोध शुरू कर दिया गया है, और तब तक जारी रहेगा, जब तक वर्तमान सरकार को उखाड़ नहीं फेंका जाएगा. पेट्रोल डीजल सब्सिडी को उन्होंने वोट बैंक की राजनीति करार दी है. उन्होंने बताया, कि बीपीएल कार्ड धारियों के पास ना तो मोटरसाइकिल है, ना ही पक्के मकान अथवा एक एकड़ सिंचित खेती योग्य भूमि, इसका लाभ किसको मिलेगा यह हेमंत सोरेन सरकार बताएं. उन्होंने वर्तमान सरकार पर शहीदों के नाम पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया. कुल मिलाकर लंबे समय के बाद सूर्य सिंह बेसरा एक बार फिर से फॉर्म में नजर आए. इसका अंजाम क्या होगा यह तो समय ही तय करेगा.