रांची एनएफ) :* एशिया के सबसे बड़े भारी उद्योग एचईसी में 39 दिनों से लगातार टूल डाउन स्ट्राइक जारी है. बकाया वेतन की मांग को लेकर कर्मचारियों ने 2 दिसंबर 2021 को सुबह 9 बजे काम बंद कर दिया था. तभी से कंपनी के तीनों प्लांट में उत्पादन प्रभावित है. 10 जनवरी की सुबह कर्मचारियों ने निगम मुख्यालय के सामने एचएमबीपी गेट के पास प्रदर्शन किया. प्रबंधन विरोधी नारेबाजी की. सभा का आयोजन किया. जिसे कई श्रमिक नेताओं ने संबोधित किया. अपने संबोधन में श्रमिक नेताओं ने कहा कि प्रबंधन बिना वेतन समझौता किए, बकाया वेतन को लेकर स्थिति स्पष्ट किए बिना ही कर्मचारियों को काम पर वापस लौटने के लिए कह रहा है. 7 जनवरी को एचईसी प्रबंधन ने स्ट्राइक समाप्त होने और प्लांटों में उत्पादन शुरू होने का दावा किया था, जो गलत साबित हो रहा है. तीनों प्लांट के कर्मचारी एक होकर आज यहां प्रदर्शन में एकत्र हुए है. इसी से पता चलता है कि कंपनी में टूल डाउन स्ट्राइक समाप्त नहीं हुआ है.
अपने संबोधन में श्रमिक नेताओं ने कहा कि एचईसी के एचएमटीपी, एचएमबीपी और एफएफपी प्लांट में कुछ कर्मचारियों ने मशीनों को ऑन किया है. यह कर्मचारी दो यूनियनों से संबंध रखते हैं. उक्त दोनों श्रमिक संगठन के नेता कर्मचारियों के बजाए प्रबंधन के आला अफसरों के लिए काम कर रहे हैं. कर्मचारियों के साथ अभी छह श्रमिक संगठन खड़े हैं. जबतक प्रबंधन बकाया वेतन भुगतान को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट नहीं करता है, तबतक टूल डाउन स्ट्राइक जारी रहेगा. श्रमिक नेताओं ने कहा कि भारी उद्योग मंत्रालय भी एचईसी को लेकर गंभीर नहीं हैं. मंत्रालय से कंपनी को किसी भी प्रकार का सहयोग मिलने वाला नहीं है, यह स्पष्ट हो गया है. ऐसे में कंपनी के भविष्य को लेकर एचईसी प्रबंधन के पास क्या योजना है, यह भी प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों को बताना होगा. एचईसी कंपनी में जबतक स्थाई सीएमडी नहीं आता है, तबतक ऐसी परेशानियों से गुजरना पड़ेगा. कर्मचारी एचएमबीपी गेट के सामने प्रदर्शन करते रहे और प्रबंधन विरोधी नारेबाजी की.
कर्मचारियों के प्रदर्शन को देखते हुए एचईसी प्रबंधन ने मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी है. सीआईएसएफ जवानों के अलावा जिला प्रशासन के जवान भी तैनात किए गए है. मुख्यालय गेट पर भी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा जवानों की बीच झड़प हुई. एक प्रतिनिधिमंडल एचईसी मुख्यालय में बैठे डायरेक्टर्स से बातचीत के लिए जाना चाहता था. उस प्रतिनिधिमंडल को मुख्यालय के अंदर नहीं जाने दिया, हेडक्वाटर के मुख्य गेट पर ही प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को रोक दिया गया. इसके बाद कर्मचारी और उग्र हो गए. मुख्यालय गेट के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया. कर्मचारियों के इस आंदोलन और टूल डाउन स्ट्राइक को कांग्रेस पार्टी का समर्थन मिल रहा है. आंदोलन से भाजपा के नेता दूरी बनाए हुए है. भाजपा से संबंध रखने वाला श्रमिक संगठन के सदस्य मिली जानकारी के अनुसार प्लांटों के अंदर काम पर लौटे है, जिनका विरोध प्लांट के अंदर हो रहा है.
एचईसी प्रबंधन का कहना है कि कर्मचारियों के बकया वेतन भुगतान को लेकर कार्रवाई चल रही है. 10 जनवरी को एक माह का वेतन कर्मचारियों को दिया जाएगा. 31 जनवरी तक प्रयास है कि एक माह के वेतन का 50 प्रतिशत राशि भुगतान किा जाए. प्रबंधन एक साथ दो माह का बकाया वेतन देने की स्थिति में नहीं है. एचईसी आर्थिक संगट के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में बकाया वेतन आदि का भुगतान अभी संभव नहीं है. कंपनी को बचाने के लिए काम शुरू करना ही होगा. उत्पादन लक्ष्य हासिल करने के बाद ही कंपनी आर्थिक संकट से उबर सकता है. कर्मचारी भी कंपनी की स्थिति से अवगत है. ऐसे में कर्मचारियों को कंपनीहित में काम पर लौट जाना चाहिए. कई कर्मचारी प्लांटों में काम कर रहे हैं. कई उपकरण डिस्पैच में फसे हुए है. अगर उन उपकरणों की आपूर्ति होती है, तो कंपनी के खाते में करोड़ों रुपए आएंगे. आर्थिक संकट दूर होगी. कर्मचारियों का वेतन समय पर दिया जा पाएगा. मगर कर्मचारी राजनीति में पड गए है. इससे सीधे तौर पर कंपनी को नुकसान हो रहा है. वहीं कर्मचारियों का कहना है कि सात माह तक बिना वेतन कर्मचारी काम करते रहे कि आने वाला समय बेहतर होगा. समय पर वेतन मिलेगा. कर्मचारी इमानदारी से अपना काम करते रहे, मगर प्रबंधन की पॉलिसी ने ही ऐसी स्थिति उत्पन्न कर दिया है. कर्मचारी अपना बकाया वेतन मांग रहे है, प्रबंधन यह बता दें कि कबतक बकाया वेतन का भुगतान कैसे-कैसे होगा, कर्मचारी अपना आंदोलन समाप्त कर काम पर वापस लौट जाएंगे. वहीं प्रबंधन ने बताया कि कोरोना को लेकर प्लांट में कर्मिचारियों की ड्यूटी अल्टरनेट पर लगाया है.