
बिहार विधानसभा चुनाव में जनसुराज को मिली करारी हार के बाद प्रशांत किशोर ने खुद को आत्ममंथन में झोंक दिया है। बेतिया के ऐतिहासिक भितिहरवा गांधी आश्रम में उन्होंने 1 दिन के लिए मौन और उपवास रखा है।
इसी बीच दूसरी तरफ एनडीए के नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं—ऐसे वक्त में PK का यह कदम राजनीतिक गलियारों में गहरा संदेश देता दिखाई दे रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, PK का यह मौन–उपवास चुनावी परिणामों पर आत्मचिंतन के साथ-साथ अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के प्रति एक प्रतीकात्मक संदेश भी है कि जनसुराज की राजनीति ‘तेज़ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि गहरी तैयारी’ की राह पर है।
