
बैठक में एसोसिएशन से जुड़े आरएमपी चिकित्सकों (झोला छाप डॉक्टर) ने एक स्वर में सरकार से सम्मान और अधिकार देने की मांग की। इस संबंध में एसोसिएशन के पूर्वी-पश्चिमी सिंहभूम जिला उपाध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा की असली जिम्मेदारी इन्हीं चिकित्सकों के कंधों पर है। इन चिकित्सकों के बिना समाज की कल्पना अधूरी है। ग्रामीण चिकित्सक केवल गांवों में ही नहीं, बल्कि शहरी बस्तियों और स्लम क्षेत्रों में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके बावजूद इन्हें न तो सरकार की ओर से मान्यता मिली है और न ही किसी प्रकार का सम्मान। बैठक में मौजूद अन्य सदस्यों ने भी सरकार से मांग की कि ग्रामीण चिकित्सकों को भी स्वास्थ्य ढांचे का हिस्सा माना जाए और उन्हें प्रशिक्षण तथा मान्यता प्रदान की जाए, ताकि वे और अधिक प्रभावी ढंग से लोगों की सेवा कर सकें। एसोसिएशन ने कहा कि जब सरकारी डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच दूरदराज़ गांवों तक नहीं हो पाती, तब ग्रामीण चिकित्सक ही लोगों की उम्मीद बनते हैं। ऐसी स्थिति में इनकी उपेक्षा न कर, इन्हें भी सम्मान और अधिकार दिया जाना चाहिए।
संजय कुमार, जिला उपाध्यक्ष, ग्रामीण चिकित्सक संघ