
चांडिल बांध में नौका विहार संचालन का अधिकार विस्थापितों की सहकारी समिति के बजाय गिरिडीह की एक निजी एजेंसी को सौंप दिया गया है। ये पुनर्वास नीति 2012 के प्रावधानों का खुला उल्लंघन है। इस नीति में स्पष्ट रूप से लिखा है कि जलाशय क्षेत्र के मत्स्य उद्योग एवं पर्यटन उद्योग संबंधी संभावनाओं के दोहन में भी विस्थापितों को संबद्ध किया जाएगा तथा जलाशय में मत्स्य पालन हेतु नवसृजित जलधार की बंदोबस्ती विस्थापितों के समूहों के साथ किया जाएगा। यह बातें चांडिल बांध विस्थापित के श्यामल श्यामल मार्डी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा। उन्होंने कहा बाहरी एजेंसी को चांडिल डैम में नौका संचालन का विस्थापित बर्दास्त नहीं करेंगे। विस्थापित विवस होकर आंदोलन को बाध्य होगा। 30 अप्रैल शहीद दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद अधिकारियों को विस्थापितों एवं चांडिल क्षेत्र की जनता के अन्य मांगों से अवगत कराया जाएगा।