केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति ने शहर के विभिन्न छठ घाटों का किया निरीक्षण घाटों की व्यवस्थाओं और तैयारियों पर जताया असंतोष जिला प्रशासन से घाटों की युद्धस्तर पर मरम्मती और सफाई कार्य प्रारंभ करने की मांग की

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जमशेदपुर: चैती छठ महापर्व के आयोजन में अब महज एक दिन शेष है और 7 अप्रैल को भव्य रामनवमी शोभायात्रा निकलनी है, लेकिन शहर के प्रमुख घाटों की दुर्दशा एजेंसियों की लापरवाही को उजागर कर रही है। इसे लेकर केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को शहर के विभिन्न घाटों का निरीक्षण किया और जिला प्रशासन से अविलंब सुधार कार्य शुरू करने की मांग की। केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति के अध्यक्ष आशुतोष सिंह ने बताया कि इस संबंध में एक माह पूर्व ही वरीय अधिकारियों को आवेदन सौंपा गया था, जिसमें घाटों की मरम्मत, सफाई और सुरक्षा इंतजाम करने की मांग की गई थी। प्रशासन ने एजेंसियों को आदेश भी जारी किया था, लेकिन अभी तक किसी भी घाट पर कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है।

निरीक्षण के दौरान स्वर्णरेखा घाट की स्थिति सबसे खराब पाई गई। यहां नए पुल के निर्माण के कारण विसर्जन स्थल का अतिक्रमण हो गया है और चारों ओर फैले निर्माण सामग्री के अवशेषों ने रास्ते को अवरुद्ध कर दिया है। नदी घाट से निकलने वाले रास्ते का ढलान भी असुरक्षित और अव्यवस्थित है, जिससे श्रद्धालुओं को कई तरह की परेशानी होगी। वहीं, सती घाट और सब स्टेशन घाट के मुख्य द्वार पर तीन बड़े-बड़े गड्ढे खुदे हुए हैं, जो मूर्ति विसर्जन को बाधित करेंगे। कपाली घाट और पांडे घाट की स्थिति भी दयनीय बनी हुई है और यहां तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है। लाइटिंग टावर स्थल पर लोहे के बड़े-बड़े गार्डर पड़े हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। नदी का जलस्तर बहुत कम होने के कारण मूर्ति विसर्जन में परेशानी हो सकती है। समिति की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रमुख घाटों पर क्रेन की व्यवस्था करने की भी मांग की गई है।

केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति ने छठ महापर्व और रामनवमी महोत्सव के सफल आयोजन हेतु जिला प्रशासन से युद्धस्तर पर घाटों की मरम्मत और सफाई कार्य शुरू करने की मांग की है जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।

इस दौरान केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति के अध्यक्ष आशुतोष सिंह, रामबाबू सिंह, भीष्म सिंह, धर्मेंद्र प्रसाद, अशोक सिन्हा, प्रमोद तिवारी, परमात्मा मिश्रा, शंभू मुखी, प्रदीप दास, मनीष कुमार, विजय वर्धा, किशोर साहू, संतोष कालिंदी और रवि भुंइया प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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