
जमशेदपुर: टाटा स्टील के संस्थापक दिवस के अवसर पर सोमवार को एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान कंपनी के संस्थापक जमशेदजी नुसेरवानजी टाटा (जे.एन. टाटा) की प्रतिमा पर टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन और वरिष्ठ अधिकारियों ने माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम के दौरान टाटा स्टील के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
जमशेदपुर में निवेश और रोजगार के नए अवसर इस अवसर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा स्टील की नींव जमशेदपुर में रखी गई थी, इसलिए यह शहर कंपनी के लिए हमेशा प्राथमिकता में रहेगा। उन्होंने बताया कि टाटा स्टील अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए कई क्षेत्रों में निवेश करने की योजना बना रही है, जिससे जमशेदपुर में भी रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि वैश्विक स्तर पर स्टील की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे टाटा स्टील को और अधिक मजबूती मिलेगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कंपनी को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता होगी, जिसके लिए कर्मचारियों और सरकार के सहयोग की जरूरत होगी।
उन्होंने आगे कहा कि टाटा स्टील ने अपने सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन हर कठिनाई के बावजूद कंपनी मजबूती से खड़ी रही है। उन्हें पूरा विश्वास है कि वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों में भी टाटा स्टील अपनी मजबूती बनाए रखेगी।
टाटा संस के चेयरमैन ने बताया कि उत्पादन लागत को कम करने और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में यूनियन और कर्मचारियों का सहयोग महत्वपूर्ण होगा। साथ ही, सरकार से भी शुल्क और अन्य नीतिगत सहयोग की अपेक्षा की जाएगी, ताकि कंपनी स्टील उत्पादन के विभिन्न आयामों में निवेश कर सके।
स्टॉक मार्केट में हालिया गिरावट पर बोलते हुए एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि वे बाजार की स्थिति पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते, क्योंकि यह पूरी तरह से निवेशकों की भावनाओं (सेंटीमेंट) पर निर्भर करता है। हालांकि, उन्होंने आश्वस्त किया कि टाटा स्टील की मौजूदा स्थिति मजबूत है और कंपनी लगातार प्रगति कर रही है।
टाटा स्टील केवल स्टील उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी निवेश कर रही है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने हाल ही में गुजरात में एक सेमीकंडक्टर चिप्स प्लांट और असम में एक अन्य प्लांट में निवेश किया है। वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस, रक्षा और बैटरी निर्माण के क्षेत्र में चिप्स की भारी मांग है, इसलिए कंपनी इन क्षेत्रों में भी विस्तार कर रही है।
इसके अलावा, टाटा स्टील चिकित्सा क्षेत्र में भी योगदान दे रही है। कंपनी ने मेडिकल कॉलेज स्थापित किए हैं और ऐसे रोगों पर अनुसंधान कर रही है, जिनका भारत में अभी तक प्रभावी इलाज उपलब्ध नहीं है।
टाटा स्टील न केवल अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी अपने विस्तार की योजनाएं बना रही है। कंपनी का ध्यान केवल व्यवसायिक लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज और देश के विकास में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।