उनके साथ पूर्वी सिंघभूम जिले के सांसद विद्दूत वरण महतो उपस्थित रहे, इस दौरान सभी ने शहीद बेदी पर पुष्प अर्पित कर शहीद के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की, बता दें शहीद साबुआ हांसदा जंगल के रक्षक थे और उस वक्त लकड़ी तशकरों के द्वारा उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया था, श्रद्धांजलि देने के उपरांत चंपाई सोरेन ने कहा की आज से 37 वर्ष पूर्व तत्कालीन कांग्रेस की सरकार द्वारा पोषित तशकरों ने जंगल के रक्षक शहीद साबुआ हांसदा को मौत के घाट उतार दिया था, लेकिन शहीद ने अपने जीवन काल को जंगलों के रक्षा हेतु समर्पित कर दिया था, जो आज के युवाओं को प्रेरणा देती है.