गढ़वा जिले के केतार थाना क्षेत्र के लोहरगाड़ा गाँव के 12 लोग एव बिहार के रोहतास जिले के चुटिया थाना क्षेत्र के 18 लोगो सहित एक सौ पशुओं को सोन नदी मे आयी बाढ़ के कारण रविवार को फ़स गए। वे यहां टीला पर अपने अपने पशुओं को चराने के लिए वहां गए हुए थे जबकि कुछ ग्रामीणों ने वहां झोपडी एवं पक्का का घर बनाकर खेती भी करते है। ग्रामीणों को इसकी जानकारी तब लगी ज़ब टीला पर फसे लोग अपने चारो तरफ बाढ़ के पानी को देखा। जिसके बाद दोनों राज्यों के ग्रामीणों ने मदद के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई। देर रात डीसी और एसपी घटना स्थल पर पहुंच बिहार के रोहतास जिले के डीसी एसपी से सम्पर्क साध कर बाढ़ मे फसे लोगो को निकालने पर बात की जिसके बाद रोहतास जिला प्रशासन के आग्रह पर बिहटा पटना से एनडीआरएफ मौके पर अहले सुबह बिहार के चुटिया गाँव पहुंची एवं बाढ़ मे फसे लोगो को निकालने के लिए रणनीति बनाई। जिसके बाद सुबह सात बजे से बिहार चुटिया के तरफ से एनडीआरएफ की टीम ने रेस्कियू ऑपरेशन शुरू किया और धीरे धीरे सभी बाढ़ मे फसे लोगो को स्टीमर के सहारे बाहर निकाला गया। गौरतलब है सोन नदी मे बाढ़ आने का मुख्य कारण उत्तर प्रदेश के रिहन्द डैम से बिना सूचना के फाटक खोलने के बाद अचानक यह बाढ़ आई और लोग फ़स गए। सोन नदी झारखण्ड,बिहार और बिहार जिले के सीमाओं को जोड़ती है।