और जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा को हटाने की मांग करने लगा. मोंटी अग्रवाल का कहना था की जिला अध्यक्ष एक कार्यकर्त्ता को भैलू नहीं देते है और अपनी मनमानी करते है इसलिये मोंटी ने जिला अध्यक्ष से कारण पूछा है की क्यों उसे पद से निष्काषित किया गया है जबकि उसका दोष इतना था की वों सोसल मिडिया पर कुछ टिप्पकनी किया था. मगर छोटी मोटी टिप्पकनी के चलते उसे उसका पद छीन लिया गया है जिसका जबाब जिला अध्यक्ष को देना चाहिये. एक पार्टी कार्यकर्त्ता अगर गलती करता है तो उसे समझाना बुझाना चाहिये था की नहीं उसे पार्टी से पद मुक्त करना चाहिये था. इसलिये जिला अध्यक्ष के खिलाफ पार्टी के कार्यकर्ताओ में रोष है जिसका पार्टी के बड़े नेताओं को देखना चाहिये. वही जिला प्रवक्ता अनिल मोदी ने इस मामले में कुछ कहना मुनासिब नहीं समझा है लेकिन इतना कहाँ है पार्टी अनुशासन के आधार पर चलता है.