लोहरदगा में 5 जून की देर रात पुलिस जवान को गोली मारने वाले आरोपी सिपाही को पुलिस ने अपने कस्टडी में लेने में सफलता पाई।

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वही मृतक जवान धर्मेन्द्र सिंह के शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया है। पति पत्नी के बीच के विवाद को सुलझाने का प्रयास करने के गए एएसआई धर्मेन्द्र सिंह को आरोपी जवान आनंद सिंह मुंडा ने इंसास से गोली मार दी थी। घटना के बाद पूरी रात एसपी हारिश बिन जमां पुलिसकर्मियों के प्रयास से आरोपी जवान आनंद सिंह मुंडा को हथियार के साथ गिरफ्तार करने का प्रयास किया गया। लेकिन यह सफलता सुबह जाकर पुलिस को मिली। चुनावी ड्यूटी करने के बाद हथियार जमा नहीं कराना एक पुलिस जवान के लिए महंगा पड़ गया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि मानसिक रूप से विक्षिप्त जवान को ड्यूटी के नाम पर इंसास राइफल कैसे दी गई। अगर दी गई तो चुनाव खत्म होने के तुरन्त बाद उसे वापस क्यों नहीं लिया गया। जवान हथियार लेकर अपने घरों में कैसे जा रहे हैं। साथ ही जब घटना रात 8 बजे की है तो फिर रात भर आरोपी को बचाने का प्रयास क्यों किया गया। रणनीति बनाकर पुलिस ने आरोपी जवान आनंद सिंह मुंडा को क्यों नहीं गिरफ्तार किया। रात के 12.15 बजे गंभीर रूप से घायल जवान धर्मेन्द्र सिंह ने फोन कर 4 मिनट 58 सेकेंड बात कर वर्तमान स्थिति की जानकारी दी थी फिर भी उसे नहीं बचाया जा सका। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। शव को पोस्टमार्टम के लिए लोहरदगा सदर अस्पताल लाया गया है और आरोपी जवान को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है।

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