बता दें की वर्तमान समय मे कंपनी बंद हो चुकी है और यहाँ 250 मजदूर कार्यरत थे जो 60 वर्ष के आयु कों पार कर चुके हैं, कर्मचारियों के अनुसार वर्ष 2006 मे कंपनी बंद हो चुकी थी और उस वक्त कंपनी के मालिक ने तमाम मजदूरों के पी.एफ का पैसा कंपनी बेचकर देने का वादा किया था और वायदे के अनुसार कंपनी मालिक ने वर्ष 2018 मे कंपनी कों बेचकर तमाम कर्मचारियों के पी.एफ हेतु 87 लाख रूपए भविष्य निधि विभाग कों जमा करवाया था, बावजूद इसके इतने वर्षो से कर्मचारियों कों उनका पैसा नहीं मिल रहा है, कर्मचारियों के अनुसार प्रत्येक कर्मचारी मे औसतन 50 से 60 हजार रूपए पी.एफ के पैसे जमा है और इन्हे केवल सरकारी दफ़्तरों का चक्कर विगत पांच वर्ष से लगवाया जा रहा है, प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने कहा की अगर अब त्वरित रूप से इनका पैसा इन्हे नहीं दिया जाता है तो अब वें सड़कों पर उतर कर भविष्य निधि विभाग के खिलाफ आंदोलन करेंगे.