कभी रात 11 बजे तक गुलजार रहने वाला मैदान, अब बुधवार को लगातार पांचवें दिन भी मोरहाबादी में सन्नाटा

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रांची /रांची के मोरहाबादी क्षेत्र में हुए गैंगवार के बुधवार को लगातार पांचवें दिन भी मोरहाबादी में ठेला-खोमचा वालों की दुकानें बंद रहीं। कभी रात 11 बजे तक गुलजार रहने वाला यह इलाका पिछले पांच दिनों से ऐसा प्रतीत होता है, जैसे कोई कार्फ्यू लगा हो।
हालांकि मंगलवार को देर शाम उप नगर आयुक्त के आश्वासन के बाद दुकानदारों ने अपना धरना खत्म कर दिया है। निगम ने दुकानदारों को आश्वस्त किया है कि उन्हें मोरहाबादी में ही दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए वैकल्पिक जगह पर साझा तौर पर विचार किया जाएगा। गौरतलब है कि मोरहाबादी में युवा, छात्र-छात्राएं और गरीब भी हरदिन भोजन करने और आस-पास के पार्क में घूमने आते रहते हैं। जिससे इस जगह पर हमेशा हलचल मची रहती है।

झारखंड की राजधानी रांची के हाई सिक्योरिटी जोन माने जाने वाले मोरहाबादी इलाके में वर्चस्व और सब्जी मार्केट का ठेका वसूली के कारण लवकुश शर्मा और सोनू शर्मा के इशारे पर अपराधियों ने कालू लामा की हत्या की थी। हत्या करने के लिए शूटरों को तीन डिसमिल जमीन और डेढ़ लाख रुपए सुपारी देने का लालच दिया गया था।

इस मामले में पुलिस ने पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अपराधियों में गया के ज्ञान रंजन उर्फ ज्ञान प्रकाश व सोनू कुरैशी, हिमाचल के संदीप कुमार उर्फ आशु, खेलगांव के रविश भारद्वाज और एदलहातू के बिट्टू खान शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों को विभिन्न इलाके से गिरफ्तार किया है। इन अपराधियों के पास से दो पिस्टल, एक देसी कट्टा के अलावा चार गोली व दो बाइक बरामद की है। पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस के समक्ष अपना जुर्म स्वीकार किया है।

पूरे मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि बीते 27 जनवरी को मोरहाबादी में हुए शूटआउट में कालू की हत्या और उसके भाई राजू लामा और शुभम की गोली लगने से घायल होने के बाद चार टीम का गठन किया गया था। सिटी एसपी सौरभ के नेतृत्व में गठित टीम ने अपराधियों को घटना के चार दिन के भीतर दबोच लिया। एसएसपी ने बताया कि इस वारदात को अंजाम देने में अपराधी बिट्टू खान की भी भूमिका सामने आयी है। उसने कालू की रेकी करने में शूटरों की मदद की थी।

*शूटरों ने पांच दिन की थी कालू की रेकी*

एसएसपी ने बताया कि अपराधी कालू लामा की हत्या की योजना काफी पहले बन चुकी थी। लवकुश और सोनू शर्मा के इशारे पर शूटर उसकी रेकी घटना से पांच दिन पहले से कर रहे थे। कालू के घर से निकलने से लेकर उसके घर आने तक की पूरी जानकारी शूटरों ने इकट्ठी कर ली थी। घटना से दो दिन पहले भी शूटरों ने कालू की हत्या करने के लिए एटेम्ट लिया था, लेकिन कालू मोरहाबादी से निकल गया था।

इसी क्रम में 27 जनवरी को शूटर उसका पीछा कर रहे थे। मोरहाबादी मैदान के समीप मिलते ही शूटरों ने उस पर फायरिंग कर हत्या कर दी। सोनू मंगवाता था संदीप से शराब : हिमाचल प्रदेश के संदीप उर्फ आशु और सोनू कुरैशी कुरियर ब्वाय के रूप में काम किया करता था। दोनों शराब की खेप पहुंचाया करते थे। इस एवज में प्रतिदिन उन्हें पांच-पांच सौ रुपए मिलते थे। दोनों लवकुश और सोनू शर्मा को भी शराब दिया करते थे। अपराधी सोनू के पड़ोस में रहने वाले ज्ञान रंजन ने उन कुरियर ब्वाय से संपर्क किया। उनसे कहा कि कुछ बड़ा काम करने से पैसा मिलेगा। संदीप व सोनू तैयार हो गए। इसके बाद सोनू शर्मा ने उन्हें पूरी प्लानिंग बतायी।

*कुख्यात कालू लामा का कद अपराध की दुनिया में बढ़ता जा रहा था*

मोरहाबादी सब्जी मार्केट से ठेका की वसूली लवकुश शर्मा गिरोह की बंद हो गई थी। इससे गिरोह के लोग बौखला गए थे। लवकुश और सोनू शर्मा ने एक माह पहले कालू को रास्ते से हटाने की प्लानिंग की। बिहार में इसकी प्लानिंग बनाने के बाद सोनू शर्मा ने अपराधी ज्ञान रंजन के जरिए शूटरों से संपर्क किया। शूटरों को जमीन व पैसे का लालच दिया। शूटर कालू को रास्ते से हटाने के लिए तैयार हो गए। इसी क्रम में कालू और उसके साथियों को पांच की संख्या में आए अपराधियों ने घेर लिया। अपराधी सोनू शर्मा, ज्ञान रंजन और संदीप ने कालू व उसके साथियों पर अंधाधुंध फायरिंग की। इसी दौरान कालू मारा गया।

*रविश ने अपने घर में रखा था शूटरों को*

अपराधी रविश भारद्वाज मूलरूप से गया का रहने वाला है। वर्तमान में वह खेलगांव थाना क्षेत्र के गाढ़ीगांव में किराए के मकान में रह रहा था। शर्मा गिरोह के सदस्य के रूप में वह काम किया करता था। इस वारदात को अंजाम देने आए शूटरों को उसने अपने घर में रखा था। खाने-पीने से लेकर सारे इंतजाम वह खुद कर रहा था। यहां तक कि घटना के दिन वह पुलिस की पल-पल की जानकारी शूटरों को फोन कर दे रहा था।

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